षष्ठी: मां कात्यायनी


 

षष्ठी: मां कात्यायनी
मां पार्वती ने राक्षस महिषासुर का वध करने के लिए देवी कात्यायनी का रूप धारण किया था। यह देवी पार्वती का सबसे हिंसक रूप है, इस रूप में देवी पार्वती को योद्धा देवी के रूप में भी जाना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार देवी पार्वती का जन्म ऋषि कात्या के घर पर हुआ था और जिसके कारण देवी पार्वती के इस रूप को कात्यायनी के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि उत्सव के षष्ठी को इनकी पूजा की जाती है। इस दिन साधक का मन ‘आज्ञा चक्र‘ में स्थित होता है। योगसाधना में इस आज्ञा चक्र का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इस चक्र में स्थित मन वाला साधक माँ कात्यायनी के चरणों में अपना सर्वस्व निवेदित कर देता है। परिपूर्ण आत्मदान करने वाले ऐसे साधक को सहज भाव से माँ के दर्शन प्राप्त हो जाते हैं।

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