किस साधना से इच्छाओं की पूर्ति संभव है?
किस साधना से इच्छाओं की पूर्ति संभव है?
हर व्यक्ति के मन में सदा ईश्वर से कुछ न कुछ प्राप्त करने की इच्छा बनी रहती है, लेकिन ज्यादातर लोगों की इच्छा पूरी न होकर अधूरी ही रह जाती है। इससे कभी कभी हमारा विश्वास ईश्वर से उठ जाता है और हम उस परम सत्ता को दोषी भी ठहरा देते हैं। असल में दोष ईश्वर में नहीं अपितु हमारे मांगने के तरीके में होता है। हमारी हर मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं यदि हमारी इच्छा सात्विक हो और ईश्वर से मांगने का हमारा तरीका सही हो। सात्विक इच्छा का अर्थ है, वो इच्छा जो केवल कल्याण के लिए हो- अपना या अन्य मनुष्य, प्रकृति आदि सभी के हित के लिए हो। हमारी वो इच्छाएं जो आत्म कल्याण और परोपकार की भावना से प्रेरित होती हैं उन सभी सद इच्छाओं की पूर्ति शाम्भवी साधना से जरूर होती है।
शाम्भवी साधना ऐसी उच्च और गहन साधना है जो साधक को प्रथम संसार में पूर्ण सफलता और संतोष प्रदान करती है और उसके बाद संसार से तृप्त साधक को अध्यात्म की उपलब्धियों से तृप्त करती है। ऐसा शाम्भवी साधक ही समस्त भोगों को भोगते हुए अंततः आत्म साक्षात्कार को भी प्राप्त कर पाता है।
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