अपना भाग्योदय कैसे करें?

 


अपना भाग्योदय कैसे करें?
इस संसार में हर व्यक्ति अपना जीवन सुखमय बनाना चाहता है। कुछ लोगों की यह कल्पना साकार हो जाती है, परन्तु कुछ लोगों के लाखों प्रयासों के बावजूद भी उनकी यह कल्पना साकार नहीं हो पाती है, क्योंकि उनका भाग्योदय नहीं हुआ है। उनका भाग्य जागृत होने में उसके संचित कर्म ही सबसे बड़े बाधक बने होते हैं। इन संचित कर्मों का नाश करने के बाद ही हम अपना भाग्योदय कर सकते हैं। यह संचित कर्म कैसे नष्ट होंगे इसका ज्ञान होना हमारे लिए बहुत जरूरी हो जाता है। शिवयोग कहता है कि आप अपने संचित कर्मों का नाश या तो भोग के, अथवा शिवयोग -साधना के माध्यम से ही कर सकते हैं। जब आप "योगा ऑफ इम्मोर्टल्स" की साधना पद्धति का अनुसरण करते हैं, तो आप अपने संचित कर्मों को जलाकर भस्म करने लगते हैं। इस शक्तिशाली और गहन योग से आपके भाग्योदय की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है । इस पद्धति का अनुसरण करने वाले साधकों ने अपने जीवन में सुखमय बदलाव अनुभव किये हैं। उन्होंने ना सिर्फ अपने शरीर को पूर्ण स्वस्थ्य किया है , बल्कि अपने जीवन के हर स्तर पर सफलता और सुखमय पारिवारिक रिश्तों को भी जागृत कर जीवन का आनंद लिया है। शिवयोग की यह साधना अत्यंत ही लाभदायक और कारगर होती है।

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