जीवन में ठहराव क्यों जरूरी है?

 


जीवन में ठहराव क्यों जरूरी है?
वैसे तो व्यक्ति का मन बहुत ही चंचल होता है, यह सभी जानते हैं। उसी मन की कल्पना से व्यक्ति जीवन भर भटकता रहता है, जिसके कारण वह अपने लक्ष्य को लेकर कभी भी गंभीर नहीं हो पाता। जिसके कारण व्यक्ति इस प्राप्त हुए अनमोल जीवन को व्यर्थ में ही गुजार देता है। इस लिए शिवयोग में व्यक्ति को अपने आप में स्थिरता लाने की बात कही गई है। हालांकि कुछ अल्पज्ञानी लोग स्थिरता का अर्थ बेबसी से जोड़ लेते हैं। जबकि इसका बेबसी से कोई लेना देना नहीं है। स्थिरता का अर्थ तो ठहराव होता है और जब तक यह ठहराव व्यक्ति के जीवन में नहीं आता, तब तक व्यक्ति अपने अंदर मौजूद अनंत की शक्तियों और सूर्य के समान चमकने वाले भावों को नहीं पहचान पाता है। इन अनंत की शक्तियों के सहारे ही हम ईश्वर से संबंध स्थापित कर सकते हैं।

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