'शक्ति' के हाथ में शस्त्रों का क्या है रहस्य?

 

'शक्ति' के हाथ में शस्त्रों का क्या है रहस्य?

नवरात्रि हिंदू धर्म में नवरात्रि पवित्र और प्रमुख त्योहारों में से एक है। शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस त्योहार को देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इन 9 दिनों में गरबा एवं डांडिया नाईट और मेले का आयोजन भी किया जाता है। इस वर्ष की शारदीय नवरात्रि का उत्सव 26 सितंबर 2022 से शुरू होकर 4 अक्टूबर को समाप्त होगा। इसके बाद 10वें दिन दशहरा का त्यौहार मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक देवी दुर्गा को समस्त भगवानों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है। माता रानी के इस रूप की 9 भुजाओं में शस्त्र और एक भुजा में कमल होता है। मां दुर्गा इन हथियारों से अपने भक्तों को बुरी ताकतों से बचाती हैं।
भगवानों से जुड़ी हर चीज के पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है। अब सवाल यह उठता है कि माता रानी कि दस भुजाओं में जो अस्त्र-शस्त्र हैं, यह किस चीज के प्रतीक हैं। ईश्वर कोई भी काम बिना किसी वजह के नहीं करते हैं; उनकी हर कृत में मानवता का उद्धार और कोई न कोई रहस्य जरूर छिपा होता है। आज हम आपको माता रानी की दस भुजाओं मौजूद शस्त्रों से जुड़ी जानकारी देंगे।
मां दुर्गा के शस्त्रों का रहस्य:
त्रिशूल
माता की दस भुजाओं में से एक हाथ में त्रिशूल होता है। यह त्रिशूल भगवान शिव ने स्वयं मां दुर्गा को दिया था। इसके तीन नुकीले सिरे होते हैं, जो ‘त्रिगुण‘ या पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक प्राणी के तीन गुणों के प्रतीक हैं।
1. सत्त्व, 2. राजस, 3. तमस
सुदर्शन चक्र
माता की दस भुजाओं में से दूसरे हाथ में सुदर्शन चक्र होता है। इसको स्वयं भगवान विष्णु ने मां दुर्गा को भेंट किया था। यह इस बात का प्रतीक है कि पूरी दुनिया को माता रानी नियंत्रित करती हैं और पूरा ब्रह्मांड सृष्टि के केंद्र के चारों ओर घूमता है।
कमल फूल
कमल को भगवान ब्रह्मा का प्रतीक माना जाता है जो ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। माता रानी के तीसरे हाथ में सजा यह आधा खिला हुआ कमल मनुष्य के मन में आध्यात्मिक चेतना के उदय का प्रतीक है।
धनुष और बाण
धनुष और बाण पवन देव और सूर्यदेव ने माता रानी को भेंट किए हैं, जो ऊर्जा के प्रतीक हैं। धनुष स्थितिज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है और तीर गतिज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। यह इस बात का भी प्रतीक है कि मां दुर्गा ही ब्रह्मांड में ऊर्जा के सभी स्रोतों को नियंत्रित करती हैं।
तलवार
माता दुर्गा को तलवार भगवान गणेश ने भेंट की है, यह ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है। तलवार ज्ञान के प्रसार का प्रतिनिधित्व करती है जबकि इसकी चमक ज्ञान की प्रतीक है।
वज्र
इंद्रदेव द्वारा दिया यह उपहार वज्र आत्मा की दृढ़ता और मजबूत संकल्प शक्ति का प्रतीक है। जिसका मतलब है कभी ना टूटने वाला आत्मविश्वास और इच्छा शक्ति से मां दुर्गा अपने भक्तों को बलवान बनाती हैं।
भाला
भाला शुभता का प्रतीक है और इसे भगवान अग्नि ने माता रानी को उपहार में दिया है। यह उग्र शक्ति का भी प्रतिनिधित्व करता है, यह सही और गलत कर्मों के बीच का अंतर जानता है।
सांप
भगवान शिव का नाग समझ और ऊर्जा का प्रतीक है। यह चेतना की निचली अवस्था को ऊपरी अवस्था में बदलने का भी प्रतिनिधित्व करता है।
कुल्हाड़ी
भगवान विश्वकर्मा द्वारा मां दुर्गा को एक कुल्हाड़ी और कवच प्रदान किया गया है। यह बुराई से लड़ने और किसी भी परिणाम से न डरने का प्रतीक है।
शंख
मां दुर्गा को शंख वरूण देव ने भेंट किया है, मां दुर्गा के शंख की ध्वनि मात्र से ही सैकड़ों असुरों का नाश हो जाता है। शंख का नाद नकारत्मकता को दूर करता है।

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