सकारात्मक सोचना क्यों जरूरी है?


सकारात्मक सोचना क्यों जरूरी है?

सकारात्मक सोच किसी भी व्यक्ति को उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है। इसलिए एक साधक को अपने आध्यात्मिक मार्ग में उन्नति प्राप्त करने के लिए घृणा और क्रोध से मुक्त होना आवश्यक होता है। क्योंकि घृणा और क्रोध के चलते साधक के मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। जिससे वह अपने मार्ग से भटक जाता है और जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वह इस संसार में जन्म लेता है। उसकी पूर्ति नहीं कर पाता है, इस लिए उसका सूक्ष्म शरीर इस जन्म-मरण के चक्र में ही फंस कर रह जाता है। शिवयोग के सिद्धों ने आध्यात्मिक मार्ग में उन्नति प्राप्त करने के लिए प्रयासरत साधकों को सबसे पहले सकारात्मक सोच का प्रवाह मन में करने के लिए जोर दिया है। क्योंकि सकारात्मक विचारों से व्यक्ति के अंदर मनोबल और आत्मशक्ति की वृद्धि होती है। जिससे वह अपने लक्ष्य से न भटक कर, अपने मूल उद्देश्य को प्राप्त कर मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है।

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