आप भी बन सकते हैं त्रिकालदर्शी
प्रत्येक व्यक्ति के मन में अपने भूत और भविष्य को जानने की रूचि होती है। लेकिन सिद्धों ने बताया है कि यदि हमें अपने पूर्व जन्म के दोषों का पता चल जाए तो हम उसका निवारण कर अपना भविष्य भी बदल सकते हैं। यह बात वैसे असंभव जैसी जरूर है पर असंभव है नहीं। हमारे ग्रंथों में इस बात का उल्लेख भी है कि जो व्यक्ति महामृत्युंजय साधना कर लेता है, वह किसी भी व्यक्ति का भूत और भविष्य देखने का क्षमता रखता है यानि त्रिकालदर्शी बन जाता है। इसी साधना के माध्यम से ही हमारे सिद्ध सृष्टि के लोगों के लिए कल्याण का मार्ग तलाश करते आए हैं। हम अक्सर देखते हैं कि कोई व्यक्ति अपने जीवन में बहुत ही परोपकारी होता है पर उसके जीवन में उतना ही कष्ट भी भोग रहा होता है। क्योंकि वह उसके संचित कर्म होते हैं, जिसके कारण वह वर्तमान जीवन में कष्टों को भोग रहा होता है। इन कष्टों का उपाय तब तक संभव नहीं है जब तक हम अपने पूर्व जन्मों के संचित कर्मों का नाश नहीं कर लेते हैं। जिसके लिए हमें अपने पूर्व जन्म के जीवन में जाकर उस दोष का पता लगाकर उसका सुधार भी करना होगा। जिसकी वजह से हमें इस जीवन में कष्ट भोगना पड़ रहा है। जिस दिन हम उन संचित कर्मों का नाश कर लेंगे, उस दिन हम अपना भविष्य बदल लेंगे। क्योंकि इस शक्ति साधना का यह प्रभाव होता है कि जैसे-जैसे यह साधना पूर्ण होगी, वैसे-वैसे आप स्वतः ही अपने और दूसरों के भूत और भविष्य जानने की क्षमता आपके भीतर स्वतः आने लगेगी।
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