निगेटिव बिलीव सिस्टम क्या है?

 


निगेटिव बिलीव सिस्टम क्या है?
निगेटिव बिलीफ सिस्टम हमारे दिमाग में एक विकार की तरह होता है जिसके चलते किसी भी साधारण और महत्वहीन घटना को भी हम शगुन और अपशगुन कि दृष्टि से देखने लगते हैं। उदहारण स्वरूप जैसे हम किसी जरूरी काम के लिए निकलते हैं और काली बिल्ली सामने से रास्ता काट देती है तो हम रूक जाते हैं क्योंकि हमारे मन में यह विकार बैठ चुका है कि मैं जिस काम के लिए जा रहा हूं, वह अब पूरा नहीं होगा। इसी प्रकार हम पितृ पक्ष में कोई नए काम को शुरू न करके उसे आगे के लिए टाल देते हैं क्योंकि हमारी धारणा बन चुकी है कि यह समय शुभ कार्यों के लिए उचित नहीं होता है। ऐसे ही न जाने कितने कारण हमारे सामने आ जाते हैं और हम अपने लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए किए जाने वाले कार्यों को रोक देते हैं। वास्तविकता में ऐसा कुछ नहीं है। शिवयोग में कहा गया है कि कोई एक ऐसा क्षण और कण बताओ जहां पर ईश्वर विद्यमान न हो। यह विकार हर धर्म अथवा पंथी में अलग-अलग होते हैं और कोई उसको शुभ तो कोई अशुभ मानता है। शिवयोग कहता है कि जब जो काम करना हो, ईश्वर का आवाह्न कर तत्काल शुरू कर दें। जिस भी कार्य को भगवान को समर्पित कर किया जाता है उस कार्य के लिए सब कुछ शुभ हो जाता है। काम में लाभ-हानि तो आपके सकारात्मक और नकारात्मक विचारों से होती है। इस लिए व्यक्ति को इस निगेटिव बिलीव सिस्टम से अपने आपको निकालकर ईश्वर में विश्वास को बढ़ाना चाहिए और फिर वह जीवन में सदैव उन्नति और सफलता को प्राप्त कर सकता है।

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