आध्यात्म का सही अर्थ क्या है?

 


आध्यात्म का सही अर्थ क्या है?
सतयुग से लेकर कलयुग तक में अध्यात्म ही एक ऐसा मार्ग है, जिसके सहारे सिद्धों ने सिद्धत्व की प्राप्ति करने में सफलता प्राप्त की है। गौतम बुद्ध से लेकर महावीर जैन ने भी इसी मार्ग पर चलकर शिवोहम की अवस्था को प्राप्त किया। आज हम अध्यात्मिक होने की बात तो बहुत करते हैं लेकिन वास्तव में आज हम अध्यात्म से बहुत दूर हैं। अध्यात्म का अल्पज्ञानियों ने अपनी-अपनी भाषा में अलग-अलग प्रकार से वर्णन किया है जो वास्तव में अध्यात्म का हिस्सा भी नहीं है। अध्यात्म व्यक्ति को कभी भी कर्तव्यों के निर्वहन से नहीं रोकता है। तभी तो अध्यात्म मनुष्य को अपने माता-पिता, गुरु, पत्नी, बच्चे और समाज के प्रति जो-जो कर्तव्य एक व्यक्ति के होते हैं उन सभी का निर्वाहन करने की बात करता है। जब तक व्यक्ति अपने कर्तव्यों के निर्वहन से मुक्त नहीं होगा तब तक वह अध्यात्म के मार्ग पर चलकर आत्मा का परमात्मा से विलय नहीं कर सकता है। अध्यात्म का मार्ग ही है जो हमें निराकार परब्रह्म से मिलाता है। जिसके बाद व्यक्ति इच्छाओं से मुक्त होकर मोक्ष की अवस्था को प्राप्त करता है।

Comments

Popular posts from this blog

कुण्डलिनी जागृत होने से क्या होता है?

कष्टों और मुसीबतों से कैसे मुक्ति पाएं?

ECHOES OF ETERNITY: TAPPING INTO TIMELESS WISDOM AND ETERNAL TRUTHS