क्या कर्मों को काटा जा सकता है?
क्या कर्मों को काटा जा सकता है?
अक्सर अज्ञानी लोग कहते हैं कि भाग्य में जो लिखा है उसका भोग तो करना ही पड़ेगा। इस बात को शिवयोग नहीं स्वीकार करता। शिवयोग कहता है कि ऐसी कोई चीज नहीं है जो मनुष्य कर नहीं सकता हो। यहां तक कि वह अपने प्रारब्ध को भी बदलने की क्षमता रखता है। एक शिवयोगी गुरु की कृपा के चलते अपने कर्मों को काट सकता है, क्योंकि कर्म को कर्म ही काटता हैं। शिवयोग में तीन प्रकार के कर्म मनुष्य को बताए गए हैं, जिनकी मदद से वह अपने प्रारब्ध को बदल सकता है। पहला कर्म है सुकर्म (सेवा का कर्म) जिससे मनुष्य केे बुरे कर्म कटते हैं। वहीं दूसरा ईश्वर साधना जिसमें जप, तप, व्रत और दान के माध्यम से पाप कर्म काटे जाते हैं और तीसरा माता-पिता व गुरु सेवा, जिसके द्वारा मनुष्य सब बुरे कर्म काट सकता है। इन सभी कर्म को करने से पहले मनुष्य को ईश्वर का कर्म मानकर करना होगा, तभी व्यक्ति फलहीन हो पाता है। जिसके चलते व्यक्ति भविष्य की दुर्घटना, रोग, दोष और विकारों से बच सकता है।
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