कष्ट क्यों आता है?


कष्ट क्यों आता है?

मनुष्य के जीवन में कष्टों का आना स्वभाविक नहीं होता क्योंकि जो भी जीवन में सुख-दुःख और कष्ट आते हैं उनकी कोई न कोई वजह होती है जिसको पैदा करने वाला कोई और नहीं बल्कि आप खुद ही होते हैं। माया-मोह, तृष्णा आपके जीवन में कष्टों का मुख्य कारण होते हैं। जब आपकी एक इच्छा पूरी होती है तो इसके बाद स्वतः ही आपके मन में दूसरी इच्छा उत्पन्न हो जाती है। माया-मोह और तृष्णा से ग्रसित मन में कभी भी संतोष नहीं होता है क्योंकि हम भौतिक सुखों को ही सत्य मान बैठते हैं, जिसके कारण जीवन में कष्टों को भोगना पड़ता है। इस तृष्णा और माया-मोह से मुक्त होने के लिए ही सिद्धों ने हमें अध्यात्म का मार्ग दिखाया है जिसको अपना कर हम अपने दैनिक जीवन में शिवोहम की अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं। इस अवस्था में पहुंचने के बाद व्यक्ति के मन में व्याप्त इच्छाएं स्वतः ही समाप्त हो जाती हैं और आप अपने वास्तविक स्वरूप को जान पाते हैं कि आप कौन हैं, आपका इस संसार में जन्म लेने का उद्देश्य क्या है?

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