खुशहाल जीवन आपका हक है!

 


खुशहाल जीवन आपका हक है!
शास्त्रों में कहा गया है कि ‘मनुष्य स्वयं अपने भाग्य का निर्माता होता है’। क्योंकि जब विपरीत परिस्थितियों व अनजाने में कोई गलत कर्म कर जाता है तो उसके कर्म और भारी हो जाते हैं। इन कर्मों को अनुकूल बनाने के लिए व्यक्ति को क्या करना चाहिए। इसका ज्ञान हमें शिवयोग में मिलता है। शिवयोग कहता है कि केवल मनुष्य को ही चुनने का अधिकार है कि वह क्या चाहता है। इस लिए उसे अपने विचारों को दुःखों में ना लगाकर, यह सोचना चाहिए कि वह कैसा जीवन चाहता है। जिसमें स्वास्थ्य से लेकर हर चीज के बारे में उसने विचार किया हो, तभी वह फलीभूत होगा।

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