संयम और शांति के लिए क्या करें?


 

संयम और शांति के लिए क्या करें?
मन और अहंकार से परे जाकर इस जिज्ञासा का मन में उठना कि हम वास्तव में कौन हैं? और हमारे जन्म लेने का वास्तविक उद्देश्य क्या है? इसी प्रक्रिया को आध्यात्मिक विकास कहते हैं। इस अवस्था को प्राप्त करने के बाद व्यक्ति को आत्मज्ञान की अनुभूति होती है। वह अपने जन्म लेने के उद्देश्य से परिचित होकर जीवन में संयमित और शांत अवस्था को प्राप्त करता है और ईश्वर से जुड़ने की प्रक्रिया में लग जाता है। आध्यात्मिक विकास ही हमें यह जानने में मदद करता है कि नकारात्मक विचार कहीं हमारे अस्तित्व और मन दोनों को ही प्रभावित तो नहीं कर रहे? जो हम अहंकार और अज्ञानता के चलते नहीं समझ पाते हैं। आध्यात्मिक विकास हमारी काल्पनिक अवधारणाओं को दूर करने की एक प्रक्रिया है। यह हमारे विश्वास और सकारात्मक विचारों को जागरूक करता है जिससे हम तनाव, भय और चिंता से मुक्त जीवन जीने के साथ ही साथ सत्-चित्-आनंद की अनुभूति भी करते हैं।

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